महत्तम महोत्सव

आचार्य श्री रामेश सुवर्ण दीक्षा महामोहत्सव

प्रारंभ दिवस :  १३ जुलाई २०२२

स्वाध्याय

राग-द्वेष रुपी रोग की औषधि है ‘स्वाध्याय’ । ‘स्वाध्याय’ स्वयं के नजदीक लाने का मार्ग है । स्वयं से स्वयं की पहचान की दृष्टि है स्वाध्याय । भव-भव में भटकने पर विराम लगाने वाला है ‘स्वाध्याय’ । इसे देखते हुए महत्तम महोत्सव में स्वाध्याय को शामिल किया गया है । ‘स्वाध्याय’ की भेंट गुरु चरणों में अर्पित करने का सुंदर अवसर आपके पास है । इसके तहत आगे बताए गये प्रकल्प अपनाकर अपनी आस्था व श्रद्धा रुपी भेंट गुरु चरणों में अर्पित करें ।