महत्तम महोत्सव

आचार्य श्री रामेश सुवर्ण दीक्षा महामोहत्सव

प्रारंभ दिवस :  १३ जुलाई २०२२

आचार्य भगवन के प्रवचन/ चिंतन की पुस्तकें पढ़ना

परमागम रहस्यज्ञाता, परमपूज्य आचार्य भगवन् की निर्मल प्रज्ञा से निकले वचनों व चिंतनों पर आधारित विभिन्न पुस्तकों को हृदय की गहराइयों से पढ़ना है । यथासमय आपके द्वारा किए गए पठन का परीक्षा (ओपन बुक) द्वारा मूल्यांकन किया जाएगा ।
जो पुस्तके तीन वर्ष में पढ़नी है, वे इस प्रकार है –
प्रथम वर्ष : नीरव का रव, प्रणव व आरोह ।
द्वितीय वर्ष : Eye to I, भ्रामरी, ब्रह्माक्षर ।
तृतीय वर्ष : No Shourtcut Please, अनाहत नाद, उपांशु ।
लक्ष्य : 5000 श्रावक-श्राविकाएं इन 9 पुस्तकों के अध्ययन में भाग ले ।
~ बुक रजिस्ट्रेशन प्रारंभ होने की दिनांक : 01.09.2022
~ बुक रजिस्ट्रेशन बंद होने की दिनांक : 08.11.2022
~ बुक वितरण प्रारंभ करने की दिनांक : 16.09.2022 से
~ प्रश्न पत्र भेजने की दिनांक :15.11.2022 से 15.01.2023
~ उत्तर पुस्तिका भेजने की दिनांक :15.02.2023

नौ महापुरुषों के जीवन परिचय को पढ़ना

हुक्म संघ के देदीप्यमान नक्षत्र हमारे 8 पूर्वाचार्य प्रवर एवं वर्तमान आचार्य भगवन् ऐसे नौ महापुरुषों की जीवन यात्रा-संयम यात्रा को जीवन परिचय के रुप में पढ़ना व उससे प्रेरणा लेकर स्वयं के जीवन को संवारना ।
~ लक्ष्य – 5000 श्रावक /श्राविकाएं महापुरुषों के जीवन परिचय को पढ़े ।
~ रजिस्ट्रेशन प्रारंभ होने की दिनांक : 01.05.2023
~ रजिस्ट्रेशन बंद होने की दिनांक : 30.06.2023
~ परीक्षा / टेस्ट : 28.01.2024

आध्यात्मिक आरोग्यम

आध्यात्मिक आरोग्यम् के तहत सभी साधुमार्गी संघ के प्रत्येक परिवार को जोड़ते हुए एक विश्वस्तरीय ग्रुप बनाना है ।
परम श्रद्धेय आचार्य प्रवर 1008 श्री रामलालजी म.सा. के मुखारविंद से वर्ष 2021 में ज्ञान पंचमी के पावन दिवस ‘आध्यात्मिक आरोग्यम्’ का एक आयाम प्रतिपादित हुआ, जो व्यक्ति को आध्यात्मिक शुद्धि की ओर अग्रसर करने वाला बनेगा ।
आध्यात्मिक आरोग्यम् के नौ सूत्र है –
1. गुणमय दृष्टि का विकास 
(परिवार समाज के किसी भी सदस्य का एक सद्गुण आध्यात्मिक आरोग्यम् डायरी में नोट करना )
2. छिद्रान्वेषण का लक्ष्य नहीं 
(किसी का कोई दोष दिख जाए तो मुँह से कहना नहीं । शिक्षा रुप में कहना पड़े तो आगार)
3. इन्द्रिय निग्रह का लक्ष्य 
(मनोज्ञ शब्द, रुप, गंध, रस के प्रति सजग रहना । मनोज्ञ शब्द सुनने को मन आतुर हो तो उसे वहाँ से हटाना । मनोज्ञ रुप मन को आकर्षित करे तो आँखो को उधर से फिरा लेना । मनोज्ञ गन्ध को इच्छापूर्वक ग्रहण नहीं करना । अनुकूल-प्रतिकूल स्वाद की प्रशंसा-निंदा नहीं करना । दो चार मिनट सर्दी-गर्मी का अभ्यास करना । खाना बनाने से पहले अपनी इच्छा व्यक्त नहीं करना । खाना सामने आने पर किसी एक मनपसंद पदार्थ का त्याग करना ।
4. आत्मानुशासन का विकास 
(किसी प्रतिकूल विषय का उत्तर देना हो तो 10 सेकंड कम से कम रुके)
5. विवाद-विग्रह से पराङ्गमुखता 
(विवाद करना नहीं । कभी जवाब देना पड़े तो उसमें पाँच मिनट से ज्यादा समय नहीं लगाना )
6. मैत्री भाव का विकास 
(दिन में प्रथम बार जो मिले उसे अहोभावपूर्वक जय जिनेन्द्र बोलना । चाहे वह आपके प्रति शत्रुता का भाव ही क्यों न रखता हो )
7. जीवन नियमन 
(चौदह नियम चितारने का अभ्यास करना । खाना खाने से पहले नमो अरिहंताणं, खाना पूर्ण होने पर नमो सिद्धाणं पद का उच्चारण करना)
8. सामूहिक स्वाध्याय साधना 
(धर्मस्थान में सामूहिक सामायिक, स्वाध्याय करना । आवश्यकतानुसार पर्युषण आदि प्रसंगों पर स्वाध्यायी सेवा के लिए तत्पर रहना )
9. तत्वानुप्रेक्षा (आत्मचिंतन) 
(पाप घटाना, पुण्य बढ़ाना, सुख-समाधि बढ़ाना । मोहवर्धक कार्य पाप बढ़ाता है । सुपात्र दान, अनुकम्पा दान, पुण्य बढ़ाने वाले हो सकते है । आत्म तृप्ति, संतोष, कषाय- जय, सुख-समाधि प्रदायक है ।
~ रजिस्ट्रेशन प्रारंभ होने की दिनांक : 01.08.2022

श्रीमद् दशवैकालिक सूत्र के 4 अध्ययन कंठस्थ करना

समस्त आगमों का सार श्रीमद् दशवैकालिक सूत्र है, जो हमें सद्मार्ग की ओर, विरक्ति की ओर बढ़ने को प्रेरित करता है । इसके 4 अध्ययन कंठस्थ करना ।
~ लक्ष्य : 500 श्रावक-श्राविकांए तैयार करना जिन्हें दशवैकालिक सूत्र के 4 अध्ययन कंठस्थ हो ।
~ रजिस्ट्रेशन प्रारंभ होने की दिनांक : 01.08.2022
~ रजिस्ट्रेशन बंद होने की दिनांक : 31.08.2022
~ परीक्षा/टेस्ट : 08.01.2023

प्रतिदिन 100 गाथाओं का स्वाध्याय करना

महत्तम महोत्सव तक या जीवन पर्यंत 100 गाथाओं का स्वाध्याय करना ।
~ लक्ष्य : 2500 श्रावक-श्राविकाएं भाग ले ।
~ रजिस्ट्रेशन प्रारंभ होने की दिनांक : 13.07.2022