इदं न मम (यह मेरा नहीं हैं)

श्री अ.भ.सा. जैन संघ की विभिन्न प्रवृत्तियों के सुचारु सञ्चालन हेतु एक अभिनव प्रतिबद्धता की मिसाल एवं अर्थ सौजन्य का माध्यम प्रस्तावित हुआ है। दानदाताओं ने अपनी आय का निर्धारित भाग आजीवन नियमित रूप से संघ को समर्पित करने का संकल्प लिया है । इस समर्पण भाव की अभिव्यक्ति को ‘इदं न मम’ (यह मेरा नहीं हैं) के रूप में साकार किया गया है। यह उपक्रम अक्टूबर 2015 को संघ समर्पणा महोत्सव के शुभ दिन प्रारम्भ किया गया।