जैन धर्म के साधुमार्गी श्वेतांबर संप्रदाय की प्रतिनिधि संस्था है ‘श्री अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी जैन संघ।’ सन् 1962 में स्थापित इस संघ का उद्देश्य है सम्यक् ज्ञान, दर्शन और चारित्र के रास्ते राष्ट्र का उत्थान।
भगवान महावीर के अनुपम विरासत के अनुरूप अध्यात्म, शुद्ध संयम व सशक्त अनुशासन की पुनस्र्थापना के काम में लगे इस संघ के आध्यात्मिक मूल स्रोत भगवान महावीर के पाट परम्परा पर विराजमान आचार्य हैं। अभी इस पाट पर आचार्य श्री रामेश विराजमान हैं।
यह संघ देश भर में 350 से अधिक शाखाओं के माध्यम से धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों में भागीदारी निभा रहा है। बिना रुके, बिना थके समाज एवं राष्ट्र के उत्थान में लगे संघ की शाखाएं अमेरिका, इंग्लैंड, नेपाल और भूटान समेत कई और देशों में भी है।
‘महिला समिति’ तथा ‘समता युवा संघ’ के रूप में अपनी दो भुजाओं की शक्ति के साथ संघ 35 से अधिक प्रकल्प संचालित कर रहा है। इनमें आध्यात्मिक, शैक्षणिक, जीव दया जैसे लोकोपकारी प्रकल्प लोगों का लगातार हित कर रहे हैं। सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन में भी संघ लगातार प्रयासरत है।
प्रवचन सार
यदि समाज हित में कोई बात सही नहीं लगे तो
शांत भाव से विरोध दर्ज करे और दूसरों को
भी सोचने-समझने का मौका दें।
संघ साहित्य
प्रवचन
का सार
विहार
जानकारी
श्रमणोपासक
समाचार
विहार जानकारी
04-12-2024
आदि ठाणा- 13 रात्रि विश्राम हेतु
विराजित @स्थान-समता भवन,आचार्य श्री नानेश मार्ग,
खटीकान हथाई के पास, ब्यावर,
जिला-ब्यावर,राजस्थान
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श्री नरेन्द्र जी गाँधी
अध्यक्ष , श्री अ.भा.सा. जैन संघ
श्री सुरेश जी बच्छावत
महामंत्री , श्री अ.भा.सा. जैन संघ
श्री राजेश जी बच्छावत
कोषाध्यक्ष , श्री अ.भा.सा. जैन संघ
श्री महादेव जी भंसाली
सह-कोषाध्यक्ष , श्री अ.भा.सा. जैन संघ