सन 1979 - अजमेर (राज.) :- समता की प्रतिमूर्ति समीक्षण ध्यान योगी परम पूज्य आचार्य प्रवर 1008 श्री नानालाल जी म. सा. के चातुर्मास में "समता - स्वाध्याय- सेवा" इन मूल मन्त्रों को लेकर साधुमार्गी युवाओं के संघठन की स्थापना की गई जिसे नाम दिया गया "श्री अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी जैन समता युवा संघ" पुरे राष्ट्र एवं विदेशों में फैलें साधुमार्गी परिवारों के युवाओं को अपने साथ संजोते हुए यह संघठन धीरे-धीरे विशाल रूप लेता गया पूज्य गुरु भगवंतों की असीम कृपा एवं समय-समय पर युवा नेतृत्वकर्ताओं ने, कार्यकर्ताओं ने अपने पुरुषार्थ से इसे संवारा आगे बढाया । समता युवा संघ श्री अ.भा.सा. जैन संघ की एक शाखा के रूप में है।