साधुमार्गी पब्लिकेशन

संघ द्वारा जैन धर्म, दर्शन, आगम, कथा एवं प्रवचन से संबंधित साहित्य का प्रकाशन किया जाता है। अब तक 450 से अधिक साहित्य का प्रकाशन किया जा चुका है।

सम्मूर्च्छिम मनुष्य

मानव को आगम के अनुसार अपने जीवन को जीने के लिए अनमोल और दुर्लभ नियम व सिद्धांत बताए गए हैं। इस विषय की ओपन बुक परीक्षा आयोजित की जा रही है। इसमें प्रत्येक प्रतिभागी को ई-प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।

जिणधम्मो

आचार्य श्री नानेश की अमर कृति जिणधम्मो में आगम साहित्य के गूढ़ रहस्यों को संकलित किया गया है। पुस्तक में जैन धर्म का सार है। इसे जैन धर्म में पांचवा वेद कहा गया है। जिणधम्मों पुस्तक के ज्ञान का प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से ओपन बुक परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। इसमें सभी उम्र के श्रावक-श्राविका भाग ले सकते हैं।

समता सेवा सोसायटी

विगत तीन दशकों से समता महिला सेवा केन्द्र, रतलाम के तत्वावधान में अनेक महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करवाकर कई प्रकार के पापडों़ तथा भिन्न-भिन्न मसालों का उत्पादन किया जाता है। उत्पाद की गुणवत्ता क्रेताओं व ग्राहकों द्वारा मान्य है। महिलाओं को स्वावलम्बी व सम्मानपूर्वक जीवन जीने की उत्प्रेरणा की जाती है।

साधुमार्गी ग्लोबल कार्ड

यह एक यूनिक कार्ड होगा, जो आधार कार्ड की तरह ही साधुमार्गी सदस्यों के लिए उपयोगी साबित होगा।

इसके माध्यम से संघ की विभिन्न जन-उपयोगी गतिविधियों-योजनाओं में उपयोग किए जाने वाले अलग-अलग डेटाबेस का केन्द्रीकरण करने का कार्य किया जा रहा है। जिसमें संघ की सभी गतिविधियां डेटा बेस द्वारा संचालित की जा सके। इस प्रकार हमारा लक्ष्य प्रत्येक सदस्य की विभिन्न जानकारियां एक आई.डी नम्बर से जुड़ जाए। सदस्यगण अपनी एम.आई.डी. नम्बर देकर विभिन्न प्रवृत्तियों के बारे में संघ सम्बधी अपनी सभी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

संघ द्वारा संचालित प्रवृत्तियां

श्री अ.भा.सा.जैन संघ के साथ महिला व युवा संघ के माध्यम से 30 से अधिक प्रवृत्तियों और आयामों पर देशभर में लोक कल्याणकारी कार्य किए जा रहे हैं। जिसमें धार्मिक, आध्यात्मिक व सामाजिक कार्य शामिल है। जैसे इदं न मम्, जीवदया, विहार सेवा, उच्च शिक्षा योजना, साहित्य व आगम साहित्य, सर्वधर्मी सहयोग, गुणशील, साधुमार्गी प्रोफेशन फॉर्म आदि प्रवृतियों व आयामों के माध्यम से जन सेवा का कार्य वृहद् स्तर पर किया जा रहा है।

संघ समर्पणा महोत्सव

प्रतिवर्ष संघ की स्थापना दिवस के रूप में आयोजित होने वाला संघ समर्पणा महोत्सव इस बार ब्यावर में सम्पन्न हुआ। जिसमें संघ की विभिन्न प्रवृत्तियों, गतिविधियों की प्रभावना की गई। ब्यावर अधिवेशन-2021 में नई कार्यसमिति का गठन किया गया। सभी ने मंच पर पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की।

May 13, 2025

जयपुर-ब्यावर अंचल का तीन दिवसीय प्रवास

श्री अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी जैन महिला समिति के राष्ट्रीय पदाधिकारी एवं आंचलिक उपाध्यक्षा /मंत्री द्वारा दिनांक 26-28 अगस्त तक जयपुर-ब्यावर अंचल का तीन दिवसीय प्रवास सानन्द सम्पन्न हुआ। इसके माध्यम से 18 क्षेत्रों (अजमेर, ब्यावर, खरवा, कोटा, सवाईमाधोपुर, बजरिया, चौथ का बरवाड़ा, मंडी रोड, आदर्श नगर, हाउसिंग बोर्ड (सवाई माधोपुर), कुण्डेरा, अलीगढ़, उखलाना, ककोड़, टोंक, जयपुर, श्यामपुरा, किशनगढ़) में प्रवास किया गया।
▶️ प्रवास के दौरान विभिन्न संघ/क्षेत्रों में विराज रहे चारित्रात्माओं के दर्शन-वन्दन का लाभ लिया।
▶️ 4 नवीन मंडल गठन किए गए – 1. कुण्डेरा 2. हाउसिंग बोर्ड 3. मंडी रोड, 4. श्यामपुरा।
▶️ 7 लीड मेंबर्स (प्रतिनिधि सदस्यों) का मनोनयन किया गया। 1. खरवा 2. आदर्श नगर 3. किशनगढ 4. देवली, 5. मसूदा 6.बिजय नगर 7. हिण्डौनसिटी।
▶️ प्रवासी दल द्वारा केसरिया कार्यशाला, युवति शक्ति, साधुमार्गी वुमन्स मोटिवेशनल फॉरम, छात्रवृत्ति, सर्वधर्मी, संगठन, परिवारांजलि, प्रतिक्रमण तथा दानपेटी प्रवृतियों की भव्य प्रभावना की गई l
▶️4 नई बहुओ का स्वागत किया गया।
▶️ 9 नये आजीवन सदस्य बनाए गए।
आतिथ्य सत्कार और सुन्दर व्यवस्था के लिए हम सभी क्षेत्र वासियों का आभार व धन्यवाद प्रदर्शित करतें हैं।

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भव्य जैन भागवती दीक्षा महोत्सव

हुक्म संघ के नवम पट्टधर, युग निर्माता, परमागम रहस्य ज्ञाता परम पूज्य आचार्य भगवन् 1008 श्री रामलाल जी म.सा.
एवं बहुश्रुत वाचनाचार्य, उपाध्याय प्रवर श्री राजेश मुनि जी म.सा. की महती कृपा से मुमुक्षु श्रीमती संगीता जी पितलिया (50 वर्ष)धर्मसहायिका श्री विजयेन्द्र जी पितलिया, एवं श्री वीरांश जी पितलिया (17 वर्ष)पुत्र श्री विजयेन्द्र जी संगीता जी पितलिया, हैदराबाद (तेलगांना) आप दोनो की जैन भागवती दीक्षा 07 अक्टुबर 2024 को भीलवाड़ा में सभी आगारों सहित घोषित..
“राम गुरु विराट हैं, दिक्षाओं का ठाठ हैं”

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पचखाण से निर्वाण (आठ दिवसीय पर्युषण पर्व आराधना)

परम पूज्य आचार्य प्रवर 1008 श्री रामलाल जी म.सा. ने जन-जन के आध्यात्मिक उत्थान हेतु पर्युषण महापर्व के दौरान 200 सरल और छोटे पचखाणों का आयाम, श्रीसंघ को प्रदान किया है।आत्मा को आनंदित, प्रफुल्लित आत्महितार्थ लोकोत्तर पर्व पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व 01 सितम्बर से 08 सितम्बर 2024 को आने वाले है…..
•●●पचखाण से निर्वाण●●•
(आठ दिवसीय पर्युषण पर्व आराधना)
आप सभी पदाधिकारियों और संघ-सदस्यों से विनम्र निवेदन हैं कि सलंग्न फार्म का (पर्युषण पर्व पूर्व) उचित संख्या में Printout लेकर, इस आयाम की अपने श्रीसंघ में भव्य प्रभावना, पुरुषार्थ करें और पर्वाधिराज पर्व पर्युषण को सम्यग् ज्ञान- ध्यान – तप – त्याग के साथ मनाये।
विशेष:- 31 अगस्त से 09 सितम्बर 2024 के छोटे नियम – लक्ष्य चरम की डीटीपी सर्कुलेट नहीं की जाएगी तब तक आप श्री जी पचखाण से निर्वाण के प्रत्याख्यानों को अधिक से अधिक ग्रहण कर कर्म निर्जरा का लक्ष्य रखें एवं पचखाणकर्ताओं से विनम्र निवेदन है की पचखाण फॉर्म अपने स्थानीय संघ अध्यक्ष महोदय जी (श्रीसंघ/महिला समिति/युवा संघ) को जमा करावे वहां से केन्द्रीय कार्यालय तक पहुंचा दिए जाएंगे।
सभी भवि जीवों के सम्यग् ज्ञान – दर्शन – चारित्र में अभिवृद्धि हो यही मंगलभावना भाते हैं।

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