महत्तम महोत्सव
आचार्य श्री रामेश सुवर्ण दीक्षा महामोहत्सव
प्रारंभ दिवस : १३ जुलाई २०२२
तपस्या की लड़ी
साधुमार्गी संघ के सभी 12 संगठनात्मक अंचलों में माघ सुदी 12, संवत 2080 से माघ सुदी 12, संवत 2081 तक यानी एक वर्ष तक अलग-अलग अनवरत एकासन/आयम्बिल/उपवास/तेला की लड़ी चलाने की योजना है । प्रतिदिन इन चारों व्रतों के प्रत्याख्यान होंगे ।
~ रजिस्ट्रेशन प्रारंभ: 01.08.2022
08 वर्ष से अधिक आयु के सभी श्रावक-श्राविकाएं इसमें भाग ले सकते है ।
50 पूर्ण संवर / पूर्ण दया/पौषध की आराधना
स्वयं को सावद्य क्रियाओं से दूर रखने का श्रेष्ठ माध्यम है संवर/ दया या पौषध/ इसकी योजना इस प्रकार है –
1. सूर्यास्त से सूर्योदय तक संवर ।
2. पूर्ण दया याने कम से कम 21 घंटे वाली 11 सामायिक भी करना ।
3. चार प्रहर, पांच प्रहर या आठ प्रहर पौषध ।
इन तीनों को मिलाकर या तीनों में से कोई भी एक महत्तम महोत्सव की अवधि में 50 दिन करना ।
~ लक्ष्य : 3000 श्रावक-श्राविकाएं इस प्रकल्प से जुड़े ।
~ रजिस्ट्रेशन प्रारंभ होने की दिनांक : 13/7/2022
~ प्रारंभ होने की तिथि : 13.7.2022
8 वर्ष से अधिक आयु के श्रावक-श्राविकाएं भाग ले सकते है।
दो वर्ष तक निरंतर वर्षीतप (एकान्तर)
माघ सुदी 12, वि.सं. 2079 से माघ सुदी 12, वि.सं.2081 (फरवरी 2023 से 2025 तक) निरंतर दो वर्ष तक उपवास के एकान्तर करने का लक्ष्य है ।
~ लक्ष्य : 200 श्रावक – श्राविकाएं इस संकल्प से जुड़े ।
एक घंटे प्रतिदिन मौन आराधना
महत्तम महोत्सव की अवधि में या कम से कम दो वर्ष (माघ सुदी 12, वि.सं.2079 से माघ सुदी 12, वि.सं.2081) तक प्रतिदिन एक घंटा मौन करना । यह नियम प्रतिदिन शयन (सोने के समय) के अतिरिक्त रहे ।
~ लक्ष्य : 5000 श्रावक-श्राविकाएं इस संकल्प से जुड़े ।
~ रजिस्ट्रेशन प्रारंभ होने की दिनांक : 13.7.2022
~ कौन भाग ले सकता है : 08 वर्ष से अधिक आयु के सभी श्रावक-श्राविकाएं
प्रतिदिन एक विगय का त्याग
महत्तम महोत्सव की अवधि में प्रतिदिन पांच विगय (दूध, दही, घी, तेल, मीठा) में से किसी भी एक विगय का त्याग करना ।
~ लक्ष्य : 10,000 श्रावक-श्राविकाएं इस संकल्प को ग्रहण करें ।
~ रजिस्ट्रेशन प्रारंभ होने की दिनांक : 13.7.2022
~ कौन भाग ले सकते है : सकल जैन समाज से कोई भी श्रावक / श्राविकाएं ।
माह में चार दिवस रात्रि चौविहार प्रत्याख्यान
माह में चार दिवस रात्रि चौविहार प्रत्याख्यान
(सूर्यास्त से अगले दिन तक नवकारसी )
~ लक्ष्य : 5000 श्रावक-श्राविकाएं इस संकल्प से जुड़े ।
~ अवधि : दो वर्ष (माघ सुदी 12, वि.सं. 2079 से माघ सुदी 12, वि.सं.2081)
~ रजिस्ट्रेशन प्रारंभ होने की दिनांक : 13.07.2022
~ कौन भाग ले सकता है : सकल जैन समाज से कोई भी श्रावक /श्राविका ।