संघ संगठन को मजबूत करने का प्रयास...
एक अनूठा गणवेश, संघ से जुड़ने का माध्यम...
12 वर्ष से अधिक आयु की युवतियों के लिए विशेष मंच...
संघ से जुड़ी प्रोफेशनल महिलाओं के लिए आध्यात्मिक मंच...
श्रद्धाभिषिक्त परिवारों की प्रभावना हेतु एक प्रवृत्ति...
स्वधर्मी सेवा की सद्भावना से प्रेरित प्रवृत्ति...
अभावग्रस्त प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजना...
आर्थिक आत्मनिर्भरता हेतु गृह उद्योग योजना...
खुशियों का पिटारा – जनवरी-फरवरी-मार्च...
गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष आध्यात्मिक सत्र...
(सदा स्वाध्याय में रत रहो)
आचार्य भगवन् एवं उपाध्याय प्रवर ने सकल जैन समाज को 32 आगमों में से श्रावकों के वाचन योग्य 26 आगमों का प्रतिदिन (आजीवन) स्वाध्याय करने की प्रेरणा दी है।
महापुरुषों की इस दिव्य वाणी को आत्मसात करते हुए “सज्झायम्मि रओ सया”—इस अद्भुत प्रकल्प को शीघ्रातिशीघ्र सकल जैन समाज के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है।
आज ही इस पावन प्रकल्प से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए Google Form के माध्यम से स्वयं, अपने परिवार के सदस्यों एवं अन्य श्रावक-श्राविकाओं का रजिस्ट्रेशन करें—
और जिनशासन एवं अपनी आत्मा के लिए अनुपम योगदान देने का यह स्वर्णिम अवसर न गंवाएं।
“सज्झायम्मि रओ सया”—इस अद्भुत प्रकल्प से जुड़ने के लिए Google Form भरें।
“अशुभ योग का त्याग कर शुभ योग में लौटना ही प्रतिक्रमण है।”
यह आत्मा की शुद्धि और निर्जरा का महान साधन है।
मोक्ष मार्ग की प्रथम सीढ़ी — प्रतिक्रमण।
🔸 प्रतिक्रमण साधक को आत्मावलोकन और आत्मोत्कर्ष की ओर प्रेरित करता है।
🔸 इसीलिए, श्री अ.भा.सा. जैन महिला समिति का ध्येय है—
“हर महिला सदस्य प्रतिक्रमण युक्त बने।”
🔸 सभी बहनों को प्रतिक्रमण कंठस्थ करना / करवाना अत्यंत आवश्यक है।
📌 नोट: रजिस्ट्रेशन चालू है।
आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके अपना पंजीकरण करवा सकती हैं।
👉 रजिस्ट्रेशन करें