☆महत्तम ~ महोत्सव☆
आचार्य श्री रामेश सुवर्ण दीक्षा महा ~ महोत्सव के उपलक्ष्य में…
•●ऑल इज वेल●•
(विधिवत प्रतिक्रमण कंठस्थ करना)
“प्रतिक्रमण, गुण – अर्जन एवं अवगुण विसर्जन की साधना है।”
जैसे गृहिणी धान्य को छानकर बीनती है,कचरा फैंक देती है और धान्य को रख लेती है। जौहरी के हाथों में हीरा और कांच दोनों आते हैं, हीरे रख लेता हैं और कांच छोड़ देता है। राजहंस को धान्य के साथ मोती मिलाकर चुगने को दिए जाए तो मोती चुग लेता है, धान्य छोड़ देता है, इसी प्रकार प्रतिक्रमण में साधक गृहिणी, जौहरी तथा राजहंस सी दृष्टि वाला बन जाता है , सद्गुणों को अपनाता है और दुर्गुणों को छोड़ देता है, संचय एवं त्याग में वह पूर्ण विवेक दृष्टि अपनाता है। अतः सुखद भविष्य के लिए प्रतिक्रमण….
प्रथम बैच के रजिस्ट्रेशन की अंतिम दिनांक 18 जनवरी, 2023 तक…👇
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